Pahalgam Attack: कश्मीर के पहलगाम में केरल के 23 टूरिस्टों का समूह घूमने आया था. उन्होंने बताया कि पहले सब घुड़सवारी करने जा रहे थे, लेकिन उन्होंने महंगी घुड़सवारी की बजाय पास के किसी और स्थान पर घूमने का विकल्प चुना, जिस कारण मंगलवार को हुए आतंकवादी हमले में बाल-बाल बच गए. टूरिस्टों के इस समूह में एक बच्चा भी शामिल था.
घुड़सवारी की होती तो 26 लोगों में शामिल होते
समूह में शामिल टूरिस्टों ने दिल्ली स्थित ‘केरल हाउस’ में मीडिया से कहा कि अगर उन्होंने घुड़सवारी का विकल्प चुना होता, तो शायद वे भी उन 26 लोगों में शामिल होते जो आतंकवादी हमले में मारे गए. समूह में शामिल एक महिला ने कहा, ‘‘घुड़सवारी का किराया हमारे लिए बहुत ज्यादा था इसलिए हम टैक्सी लेकर दूसरी जगह चले गए. वहां से हम बैसरन की ओर जा रहे थे तभी हमने कुछ जोरदार आवाज सुनीं, दुकानें बंद की जा रही थीं और लोग इधर-उधर भाग रहे थे.’’
न्यूज से पता चला था हादसे के बारे में
महिला ने कहा, ‘‘शुरू में हमें समझ नहीं आया कि हो क्या रहा है और हमने अपने ‘गाइड’ से हमें किसी दूसरी जगह ले जाने के लिए कहा. लेकिन उसने कहा कि क्या हम जिंदा रहना चाहते हैं या सैर-सपाटा करना चाहते हैं.’’ उसने कहा कि उन्हें वापस उसी स्थान पर ले जाया गया, जहां से उन्होंने टैक्सी ली थी और फिर उन्हें उनके होटल के कमरों में वापस ले जाया गया. महिला ने कहा, ‘‘जब हम होटल पहुंचे तो हमने न्यूज में देखा कि क्या हुआ था. तब हमें पता चला कि हम इस हमले में कैसे बाल-बाल बच गए.’’ समूह के एक और सदस्य ने कहा, ‘‘अगर हम घुड़सवारी करते तो हम भी मृतकों में शामिल होते.’’
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि किसी भी टूरिस्ट स्थल पर कोई सुरक्षा नहीं थी. उन्होंने कहा, ‘‘इन स्थलों के मार्ग पर सुरक्षाकर्मी तैनात थे लेकिन टूरिस्ट स्थलों पर कोई सुरक्षाकर्मी नहीं था. शायद इसी लिए उस स्थान पर हमला हुआ.’’ आतंकवादियों ने मंगलवार दोपहर को कश्मीर के पहलगाम शहर के पास एक टूरिस्ट स्थल पर गोलीबारी की जिसमें 26 लोग मारे गए. इस हमले में मारे गए लोगों में ज्यादातर टूरिस्ट थे. यह 2019 में पुलवामा हमले के बाद घाटी में हुआ सबसे घातक हमला है.
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